Shikshak Bharti News: शिक्षा विभाग परिषद की तरफ नोटिफिकेशन जारी किया गया है। जिसके माध्यम से शिक्षक को सूचित किया जाता है। कि अब से शिक्षकों को एक लिमिट में छुट्टी दी जाएगी ताकि बच्चों की पढ़ाई मे ज्यादा नुकसान न हो सके। इसके अलावा जो शिक्षक समय पर विद्यालय नहीं पहुंचते हैं। उन शिक्षकों की मासिक वेतन में भी रोक लगा दिया जा सकता है।
सिर्फ 10% शिक्षकों को मिलेगी छुट्टी
शिक्षा विभाग आयोग के मुख्य सचिव के के पाठक ने जिला को निर्देश देते हुए बताया है, शिक्षको को अधिक मात्रा में छुट्टी लेने पर रोक लगाया जायेगा। जिससे बच्चो के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो सके। शिक्षक आयोग ने कहा हैं, कि अब केवल जिला के 10% शिक्षक को ही छुट्टी का एप्लीकेशन स्वीकृत किया जायेगा। विद्यालय के प्रधानाचार्य की जिम्मेदारी बनती है, की वह शिक्षको को कम से कम छुट्टी दे। यह निर्देश जिला के सभी प्रधानाचार्य के लिए है।
बच्चो की पढ़ाई को लेकर सरकार ने किया बड़ा एलान
जिलाधिकारी को लिखे हुए पत्र में के के पाठक ने कहां है, बोर्ड परीक्षाएं नजदीक आ रही है। ऐसे में टीचर का विद्यालय में अनुपस्थित होना बच्चों की पढ़ाई पर बहुत बुरा असर डाल सकती है। इस समय शिक्षक का कर्तव्य बनता है, कि वह बोर्ड पेपर के पहले ही पूरा सिलेबस कंप्लीट करके बच्चों की अच्छे से तैयारी करवा दे। जिससे वह बोर्ड एग्जाम के पेपर में अच्छे अंक से अपना प्रदर्शन कर सके। इसलिए अब से शिक्षकों पर कड़ा अनुशासन बनाए जा रहा है। जिससे विद्यालयों पर छात्र की उपस्थिति ज्यादा से ज्यादा मात्रा में हो और बच्चों का बोर्ड पेपर को देखते हुए ठीक तरीके से पढ़ाई करवाए।
माध्यमिक स्कूलो मे 8.5 घंटे पढ़ाई करवायी जाएगी
नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क फॉर स्कूल एजुकेशन 2023 में साफ-साफ लिखा गया है। कि प्रारंभिक विद्यालय में पढ़ाई का कार्यक्रम 7:15 घंटे तक का होगा। जबकि माध्यमिक उच्च विद्यालय में पढ़ाई का कार्यक्रम 8:30 घंटे तक चलेगा। अधिकांश शिक्षकों को इसके बारे में कोई आईडिया नहीं है। इसलिए इसके बारे में अधिक से अधिक शिक्षकों को जानकारी होना अति आवश्यक है। अगर अब टाइमिंग से विद्यालय नहीं चलेगा तो उन पर कड़ी कार्यवाही की जा सकती हैं।
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भगौड़े शिक्षको पर विभागीय करवाई शुरू
कुछ ऐसे भी शिक्षक है, जो इधर-उधर भागते रहते हैं। अभी हाल ही में बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित लगभग 50 शिक्षक योगदान देने के पश्चात भाग गए। इसलिए उन भगोड़े शिक्षकों पर सरकार ने कड़ी कार्यवाही करने का फैसला लिया है। जो टीचर सरकारी पद पर रहते हुए अपने विद्यालय पर न पढ़ाकर किसी अन्य कोचिंग पर जाकर बच्चों को शिक्षा प्रदान करते हैं। ऐसे शिक्षकों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी कोचिंग संस्थानों से लिखित रूप में लिया जाएगा कि उनके कोचिंग सेंटर पर कोई भी सरकारी टीचर बच्चों को शिक्षित नहीं करते हैं। अगर ऐसा करते हुए पकड़ा जाता है, तो शिक्षक को सस्पेंड भी किया जा सकता है।